रिमांड होम में मौत
पटना सिटी के पास गायघाट के रिमांड होम में दो दिनों में तीन संवासिनों की मौत हो गयी है। फिर भी सरकार इस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दे रही है। और लगातार बीमार संवासिनों की संख्या बढती ही जा रही है। आइये नजर डालते हैं....संवासिनों की हालत पर
एनएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में अगल-बगल बेड पर है.......दो बीमार देह.....हडिडयों के ढांचे में-जी हां....आंखों से बहता पानीसूखकर गालों पर सफेद निशान छोड़ गया है। हाथ पैर की हरकत भी सुन्न हैं। ये है रिया और शांति जिन्हें देखकर इनकी सही उमर का अंदाजा लगाना मुश्किल है। इन्हें गंभीर हालात में एनएमसीएच में भर्ती कराया गया है। डाॅक्टर की माने तो इनके पेट में हफ्ते भर से अनाज का एक दाना तक नहीं गया है। अब हम आपको बताते हैं कि आखिर रिमांड होम की स्थिति क्या है- जी हां- यहां की क्षमता है 140 महिलाओं के रहने की-जबकि रह रहीं हैं 168 महिलाएं। और इनकी देख-रेख के लिए है सिर्फ एक डाॅक्टर। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां रहने वाली महिलाओं की हालत कितनी दयनीय है। इनके खाने-पीने का भी ध्यान नहीं रखा जाता है। जबकि रिमांड होम की स्टाफ लालती देवी का कहना है कि ये सारे आरोप बेबुनियाद है। एक तरफ तो सरकार सूबे में स्वास्थ्य सुधार के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है। वही दूसरी तरफ राजधानी के ही रिमांड होम की हालत कितनी बदतर है.....इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं।
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