रमजान और महंगाई
रमजान का महीना सबसे पाक महीना माना जाता है। कहा जाता है कि यह बरकत और रहमत का महीना होता है। इसके शुरू होते ही बहुत कुछ बदल जाता है। बदल जाते हैं लोगों के आचार-व्यवहार, रहन-सहन, और खन-पान। ये तो हुई बातें लाइफस्टाइल की। और इसी लाइफस्टाइल के साथ बदल जाता है मार्केट भी। जी हां हम बात कर रहे हैं रमजान के महीने में मार्केट के ट्रेंड की
रमजान की बातें हो तो याद आ जाता है- ईद। और चर्चा ईद की हो तो बात बिना सेबई के कैसे बनेगी? व्यापारी भी इस बात को बखूवी जानते हैं। यही कारण है कि रमजान शुरू होते ही बाजार सज जाता है भेराइटी-भेराइटी के सेबईयों से।
तीस दिनों के रोजे के बाद ईद का चांद लेकर आता है ढेरों खुशियां। लेकिन उस खुशी को समेटने की प्लानिंग पहले ही शुरू हो जाती है। किस-किस तरह के कपड़े लेने हैं। कौन-कौन से पकवान बनाने हैं। कहां और कैसे शॉपिंग करना है। और भी कई तरह की बातें। लेकिन इन सब प्लानिंग को डिस्टर्व कर रही है बढ़ रही मंहगाई।
मंहगाई चाहे जितनी भी बढ़ जाए, लेकिन ईद का उत्साह कम नहीं होगा। और न ही बंद होगी खरीददारी। लेकिन बढ़ रही मंहगाई की इस चर्चा के बाद उत्साह तो थोड़ा फीका पड़ ही गया।
No comments:
Post a Comment