कर्ज के बोझ
फसल बरबाद हो जाने और कर्ज के बोझ ने इसे आत्महत्या करने को विवश कर दिया। पड़ोसियों के कारण इसकी जान तो बच गई। पर शायद ये यही सोच रहा है कि आखिर क्या फायदा ऐसी जिन्दगी का। जो अपने बच्चों की खुशियां ना खरीद सके। जिसके रहते घर के बरतन खाली पड़े हो।
सुखे के कारण पूरे जिले में फसल बर्बाद हो गई। जो बचा उसे कीड़े खा गए। अब ऐसे में किसानों के पास आत्महत्या करने के अलावा और कोई उपाय नहीं बचता। लेकिन अधिकारी हैं कि खुद को इन सब बातों से अनजान बता रहे हैं। और कार्यालय में बैठे-बैठे ही किसानों को राहत पहुंचाने की बात कर रहे हैं।
ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी किसान ने आत्महत्या की कोशिश की हो। पहले भी सूखे के कारण कई जानें जा चुकी हैं। लेकिन प्रशासन है कि किसानों की मुशिकिलें कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।
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