जाली नोट
टेबल पर करीने से सजी हैं नोटों की गड्डियां। मानो नोटों की नुमाइश हो रही हो। पांच सौ या हजार जो भी नोट चाहिए वो हाजिर है। लेकिन हम आपको बता दें कि कोई नोटों की नुमाइश नहीं हो रही है बल्कि ई सारे नोट जाली हैं। जी हां, पुलिस को काफी दिनों से खबर मिल रही थी कि इलाके में जाली नोटों का कारोबार किया जा रहा है। पुलिस लगातार धंधेबाजों को अरेस्ट करने के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी। लेकिन हर बार उसे नाकामयाबी ही हाथ लग रही थी। लेकिन कहा जाता है कि गुनहगार कितना भी चालाक क्यूं न हो पुलिस के जाल में फंस ही जाता है। आखिरकार पुलिस को अपने मिशन में कामयाबी मिली। पुलिस ने छापेमारी कर दो धंधेबाजों को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे भेज दिया है। पूछताछ में पुलिस को इनके पास से कई इंपॉर्टेंट जानकारियां मिली हैं।
शुरूआती तफ्तीश में दोनों आरोपियों ने पुलिस को काफी बरगलाने का कोशिश किया। लेकिन पुलिसिया तफ्तीश के आगे उनकी एक न चली। दोनों आरोपियों का नाम मकसूद अंसारी और सुलेमान अंसारी है। पुलिस ने इनके पास से पचास हजार का जाली नोट और कई ऑर्म्स बरामद किए हैं। पुलिस पता लगा रही है कि इनके तार कहां-कहां से जुड़े हुए हैं।
जाली नोटों का कारोबार हमारी अर्थव्यवस्था को खोखला करते जा रही है। खतरा कम होने के कारण ई धंधा में कई बड़े आपराधिक गिरोह भी शामिल होते जा रहे हैं। धंधे के मेन सौदागरों का नेपाल और बांग्लादेश में बैइठे होने का अनुमान लगाया जाता है।
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