गैंगवार
घुप्प अंधेरी रात और सन्नाटे के बीच एक बार फिरो पटनासिटी गूंज उठा गोलियों की तड़तड़ाहट से। थर्रा उठा पूरा इलाका। इलाके के लोग अनजाने खौफ से सिहर उठे। जी हां, इलाके में गोली चलती है और लोग समझ जाते हैं कि थम चुका गैंगवार फिरो शुरू हो चुका है। पटनासिटी में कई गैंग एक्टिव हैं जो इलाके में अपने वर्चस्व को लेकर वारदातों को अंजाम देते रहते हैं। टाइम टू टाइम दूसरे गैंग के गुर्गों पर अटैक करते रहते हैं। इस बार गैंगवार का इलाका था आलमगंज। आलमगंज पहले भी गैंगवार को लेकर सुर्खियों में रहा है। इलाके के छोटे मोटे अपराधियों ने भी बाजाप्ता अपना गैंग बना रखा है। इलाके के शातिर अपराधी टोनी और सोनी को दूसरे गैंग के सदस्यों ने ले रखा था अपने टारगेट पर। घात लगाए अपराधियों ने टोनी और सोनी पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। गोली की आवाज सुनकर मोहल्लावासी इकट्ठे हो गए और आनन-फानन में दोनों को हॉस्पीटल ले गए। लेकिन मौत ने टोनी का पीछा नहीं छोड़ा और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रात में हुई गैंगवार की वारदात ने पुलिस की नींद उड़ा कर रख दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने हॉस्पीटल पहुंचकर जांच शुरू कर दी। घायल टोनी की माने तो उस पर हमला जेल में बंद शातिर अपराधियों ने करवाया है।
कयास लगाया जा रहा है कि टोनी और सोनी दोनों पुलिस के लिए मुखबिरी का भी काम किया करते थे। खैर इस बात में कितनी सच्चाई तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा। बहरहाल ना जाने अब तक गैंगवार में कितनी मां की गोद सूनी हो गई। या कहें कि गैंगों की ई लड़ाई ने कितनों की मांग उजाड़ डाली और कितनों को अनाथ बना डाला।
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