गरीबी से जुड़ी तेंदुलकर रिपोर्ट...
बिहार तरक्की कर रहा है ........यहां गरीबी कम हो रही है ..............रोजगार के अवसर बढ़ रहे है.. और हम कई राज्यों को पीछे छोड़ते जा रहे है... ऐसा हम नहीं कह रहे... बल्कि कह रही है... गरीबी से जुड़ी सुरेश तेंदुलकर कमेटी कि वो रिपोर्ट... जिसके मुताबिक बिहार अब देश का दूसरा गरीब राज्य है ना कि पहला...
प्रति व्यक्ति उपभोग खर्च के आधार पर.... गरीबी का आकलन करनेवाली... कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल 37.2 पर्सेंट लोग.. अब भी गरीबी रेखा के नीचे हैं... रिपोर्ट में अलग अलग मानक पर शहरी और ग्रामीण गरीबों की जो तस्वीर उभर कर सामने आई है... वो बताती है कि बिहार से ज्यादा गरीब दूसरे राज्यों में हैं... कमेटी ने... हर महीने ग्रमीण इलाकों में 446 रुपया अड़सठ पैसा, और शहरी इलाकों में 578 रुपया आठ पैसा से नीचे खर्च करने वालों को गरीब मानकर जो रिपोर्ट पेश की है... उसके मुताबिक सबसे ज्यादा गरीब उत्तर प्रदेश में हैं... यहां ग्रामीण गरीबों की संख्या 607.74 लाख है... रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश के आंकड़े चौकाने वाले है... यहां के गांवों में 187.07 लाख लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं... जबकि बिहार में ग्रामीण गरीबों की तादाद 109 लाख ही है, बिहार के बाद महाराष्ट्र में ग्रामीण गरीबों की संख्या 106 लाख और राजस्थान में 80 लाख है... हालांकि आबादी और उसके अनुपात के लिहाज से उड़ीसा सबसे ज्यादा गरीब राज्य है, उड़ीसा में जहां 57.2 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं... वहीं बिहार में 54.4 फीसदी लोग गरीब है... इस क्रम में बिहार के बाद नंबर आता है छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और फिर झारखंड का। बीमारु राज्य के नाम से मशहूर बिहार विकास के जिस डगर पर चल निकला है... जानकार उसे राज्य की एनडीए सरकार और सीएम नीतीश कुमार की नीतियों का नतीजा मानते हैं।
तेंडुलकर कमेटी की रिपोर्ट
देश में कुल 37.2 parsent लोग गरीब
बिहार से ज्यादा गरीब दूसरे राज्यों में
प्रति व्यक्ति उपभोग खर्च को बनाया आधार
उत्तर प्रदेश में 607.74 लाख ग्रामीण गरीब
आंध्र प्रदेश में 187.07 लाख ग्रामीण गरीब
बिहार के गांवों में 106 लाख लोग गरीब
सबसे गरीब राज्य उड़ीसा
गरीब राज्यों की सूची
राज्य गरीबी
उड़ीसा 57.2%
बिहार 54.4%
छत्तीसगढ़ 49.4%
मध्यप्रदेश 48.6%
झारखंड 45.3%
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