Saturday, December 12, 2009

जाली नोटों का धंधा
जाली नोट हमारी अर्थव्यवस्था को घुन की तरह खाये जा रही है। हर छोटा बड़ा अपराधी इस धंधे से जुड़कर लाखों की कमाई कर रहा है। जाली नोटों का धंधा अब बन चुका है मुनाफे का धंधा। क्योंकि इस धंधे में खतरा कम और कमाई है अधिक। पुलिस लगातार इन धंधेबाजों पर नजर रखती है। लेकिन धंधेबाज हैं कि अपने नापाक कारनामों को अंजाम दे ही देते हैं। लेकिन इस बार थी पुलिस पूरी चौकन्नी। पुलिस लगातार सर्विलांस के जरिए धंधेबाजों पर नजर रख रही थी। पुलिस को खबर मिलती है कि दो लोग बेऊर के पास जाली नोटों का डिलिंग करने आने वाले हैं। पुलिस सादी वर्दी में चारों तरफ तैनात हो गई। जैसे ही वो दोनों वहां पहुंचे, पुलिस ने दोनों को अरेस्ट कर लिया।
पुलिस ने पूछताछ की तो एक ने अपना नाम रामबाबू और दूसरे ने सुरेन्द्र बताया। पुलिसिया पूछताछ के आगे दोनों की एक न चली और जल्द ही दोनों ने घुटने टेक दिए। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में जो खुलासा किया उसे सुनकर पुलिस के होश उड़ गए।

हालांकि अरेस्ट आरोपियों का कहना है कि वो इस धंधे से कुछ दिन पहले ही जुड़े थे। उनकी माने तो पूरे धंधे का सरगना नेपाल में बैठा है। वो तो बस एक मोहरा हैं।
जाली नोटों के धंधे से सिर्फ हमारे देश की अर्थवयवस्था ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है। अब देखने वाली बात ये है कि पुलिस कब तक इस धंधे को रोक पाने में कामयाब हो पाती है।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....