डा. जहांगीर होमी भाभा...
जहांगीर होमी भाभा...जिन्होंने वर्षों पहले परमाणु ऊर्जा के महत्व को समझकर परमाणु ऊर्जा प्रोग्राम की नींव रखी...परमाणु क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए ही उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम भी कहा जाता है...डा. भाभा का जन्म तीस अक्तूबर 1909 में मुबंई के एक धनी पारसी परिवार में हुआ... और इसलिए बचपन से ही उनकी परवरिश बेहद उच्चस्तरीय परिवेश में हुई।
डा. भाभा ने अपनी पढ़ाई मुबंई से ही की...लेकिन उसके बाद उन्होंने के कैअस कॉलेज से इंजनियरिंग की पढ़ाई कर वो इंजीनियर बने...लेकिन वे कभी भी इंजीनियर बनना नहीं चाहते थे...उनका झुकाव हमेशा से ही साइंस की तरफ था...इसलिए उन्होंने हमेशा खुद को अपने फेवरेट सबजेक्ट फिजीक्स से जोड़े रखा।
महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित डा. भाभा का व्यक्तित्व बहुते सिंपल था। लेकिन वो इरादों के उतने ही पक्के थे...Nuclear फिजीक्स के प्रति उन्हें बहुते लगाव था...इसलिए उन्होंने भारत में Nuclear energy की जरुरत को देखते हुए 1957 में atomic energy training school की स्थापना की...जहां साइंस व इंजनियरिंग के students को ट्रेनिंग दी जाती थी...
डा. भाभा के ही guidance में भारत में Atomic energy commission की स्थापना की गई। जहांगीर होमी भाभा ने atomic energy के विकास के लिए कई प्रयास किए...जिस के परिणामस्वरुप 1956 में ट्रांबे में एशिया के पहले एटोमिक रियेक्टर की स्थापना की गई...यही नहीं 1956 में जेनेवा में आयोजित यूएन कांफ्रेस on atomic energy के लिए उन्हें चेयरमैन भी चुना गया। आज उस महान व्यक्ति के जन्मतिथि के अवसर पर लोगों ने उन्हें याद किया।
डा. भाभा ने अपनी पढ़ाई मुबंई से ही की...लेकिन उसके बाद उन्होंने के कैअस कॉलेज से इंजनियरिंग की पढ़ाई कर वो इंजीनियर बने...लेकिन वे कभी भी इंजीनियर बनना नहीं चाहते थे...उनका झुकाव हमेशा से ही साइंस की तरफ था...इसलिए उन्होंने हमेशा खुद को अपने फेवरेट सबजेक्ट फिजीक्स से जोड़े रखा।
महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित डा. भाभा का व्यक्तित्व बहुते सिंपल था। लेकिन वो इरादों के उतने ही पक्के थे...Nuclear फिजीक्स के प्रति उन्हें बहुते लगाव था...इसलिए उन्होंने भारत में Nuclear energy की जरुरत को देखते हुए 1957 में atomic energy training school की स्थापना की...जहां साइंस व इंजनियरिंग के students को ट्रेनिंग दी जाती थी...
डा. भाभा के ही guidance में भारत में Atomic energy commission की स्थापना की गई। जहांगीर होमी भाभा ने atomic energy के विकास के लिए कई प्रयास किए...जिस के परिणामस्वरुप 1956 में ट्रांबे में एशिया के पहले एटोमिक रियेक्टर की स्थापना की गई...यही नहीं 1956 में जेनेवा में आयोजित यूएन कांफ्रेस on atomic energy के लिए उन्हें चेयरमैन भी चुना गया। आज उस महान व्यक्ति के जन्मतिथि के अवसर पर लोगों ने उन्हें याद किया।
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