मिथिला में पान को सामान का प्रतिक माना जाता है लेकिन इस वर्ष हुए भीषण शीतलहर और बर्फ बारी ने छीन ली पान की लाली /प्रकृति की मार से किसानों की स्थिति दयनीय हो गयी और वे बिलकुल हताश हैं किसान आर्थिक रूप से पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं /
मधुबनी जिले भीषण सहित लहर एवं बर्फ़बारी से
सैकरों हैक्टेयर में लगे पान की फसल गल गया पान के एके ढुके लक्षी में ही
पान के पत्ते हैं /अधिकांश पौधों में सारे के
सहारे सिर्फ पान की सुखी लत्ती ही दिख रही है/ पान की खेती से जुड़े सैकरों
किसान निराश हैं ,इनका का हुआ है परेशानी यह है की कर्ज में डूबे ये किसान पुनः अगले वर्ष कैसे खेती करेंगे पान को अधिक धुप व तेज पाला से बचाने के लिए
चारों और से टाट ,सरई ,और खरही का बेरे लगा कर घेर जाता है /पिछले कई
वर्षों से पान के
किसान आर्थिक संकट के दौर से
गुजर रहे हैं /सारे फसल बर्बाद होने के बाबजूद इन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला
वही पान के लिए प्रसिद्ध मिथिलांचल के
लोगों को अब बंगाल के पान से होठों को लाल करना पर रहा
है /वही पान के ब्यव्सायियों को बंगाल से पान को मांगा कर बेचना पर रहा है
जो काफी महंगा पर रहा है /
मिथिलांचल के मधुबनी का पान सारे देश में
प्रसिद्ध में प्रसिद्ध है लेकिन ठंढ और सुखार की मार रहे किसानों को घाटे
की खेती होने के कारण
मधुबनी जिले के किसान पान
की खेती से मुह मोड़ रहे हैं /देखना है आर्थिक तंगी झेल रहे किसानों को
सरकार कोई मुआवजा का प्रावधान करती है या नहीं
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