मधुबनी का  सिक्कि कला बिहार की पुरानी कलाओं में से एक है/इस कला से बने उत्पाद लुभावने होते हैं और आम खरीददार की पहुँच के भीतर है /अब खर पतवार से बने इस अनुपम लोकोपयोगी वस्तुओं को विश्व स्टार पर प्रसिधी प्राप्त हो चुकी है ,हालांकि अन्य कलाओं की तरह इस कालाओं में भी विचौलिये हावी हैं 
 सीक एक प्रकार का खर - पतवार है जो हमारे खेत खलिहानों में उपजाए जाते हैं ,इसी सिक्कि से ऐसीकालाकृति बनती है जिसे देख कर आप दांतों टेल उंगली दबाने को विवश हो जायेंगे /सिक्कि से खूब सूरत हाथी टेबल कोबार दलिया मूर्ति गुलदस्ता सूर्य जैसे सामान ये कलाकार बनाते हैं /इस कला मेंल्बिस वर्ष बिता चुकी सुधा देवी बताती हैं आज भी वह स्वयं को वहीँ पाती है जहां कल थी . इस कला की  कलात्मक वस्तुओं का समुचित बाजार उपलब्ध नहीं     कला  के सिद्धस्त  को भी जीवन 
 मशक्कत करनी पड़ रही है . हालांकि
 सावधान रहने की बात करते हैं/ बताते चले की जिले में कई एन जी ओ इन कला
  एवं बाजार विकसित कर संकट के दौ

 

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