मुझे यूं भूला ना पाओगे
अब बात हिन्दी सिनेमा जगत के सबसे सफल गायक मोण्रफी की। मोहम्मद रफी३ण्एक ऐसा नाम है जिसे शायद ही कोई नहीं जानता। रफ़ी साहब ने अपनी जादुई आवाज के जरिए इंडियन फिल्म इंडस्ट्री को कई दशकों तक हजारों बेहतरीन नगमें दिए। आज इस महान गायक की 25 वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया जा रहा है।
तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे रफ़ी साहब के ही गाए इस गीत से बेहतर श्रद्धांजली उन्हें भला और क्या होगी। अपने करियर में रफ़ी साहब ने करीब 26 हजार गाने गाए। जिनमें हर रंगए मिजाज और मूड को उन्होनें इस बखूबी से अपनी आवाज में उतारा कि हर कोइ उनकी मखमली आवाज़ का कायल हो गया। चौदवी का चांदण्ण्ण्बाबुल की दुआएं लेती जा जैसे गानों को परदे पर जीवंत करने वाले मोण्रफी एक अच्छे सिंगर होने के साथ एक अच्छे इंसान भी थे।
31 जुलाई 1980 को सुरों के जादूगर कहे जाने वाले इस फंकार की आवाज़ सदा के लिए खामोश हो गई। लेकिन उनके गीत हमेशा के लिए अमर हो गए। 60.70 के दशक में उन्होनें दिलीप कुमारए देवानंदए शम्मी कपूर जैसे कई स्टारों को अपनी आवाज़ के ज़रिए अलग पहचान दिलवाइ। फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें उनके बेहतरीन सिगिंग के लिए पद्मश्री और फिल्मफेयर जैसे कई अवार्डस से भी नवाजा़ गया।
आज भले ही रफी साहब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज़ का जादु संगीत प्रेमियों के दिलों में कुछ ऐसे बसा है जिसकी गूंज सदियों तक जिंदा रहेगी।
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