दिल्ली
पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ी
सफलता हासिल करते हुए होली
से पहले एक बड़े आतंकी हमले की
साजिश को नाकाम कर दिया है।
स्पेशल सेल ने हिजबुल आतंकी
की निशानदेही पर प्रतिष्ठित
जामा मस्जिद के पास हाजी अराफात
गेस्ट हाउस में छापा मारकर
एके 47
राइफल
समेत भारी मात्रा में विस्फोटक
सामान बरामद किया है। छापेमारी
में दो कश्मीरी लोग पकड़े गए
हैं और उनसे गहन पूछताछ की जा
रही है।जामा मस्जिद इलाके
में बीती रात चार घंटे तक चली
छापेमारी में हथियार समेत
विस्फोटक बरामद हुआ है। गेस्ट
हाउस को सील कर दिया गया है।
दो दिन पूर्व ही गोरखपुर से
हिजबुल आतंकी लियाकत अली शाह
को गिरफ्तार किया था। उसी की
निशानदेही पर दिल्ली में भारी
मात्रा में विस्फोटक बरामद
हुआ है।लियाकत अली शाह की
ट्रेनिंग पाकिस्तान में हुई
थी। आतंकियों का लक्ष्य होली
से पहले दिल्ली के किसी भीड़
भरे इलाके में विस्फोट कराने
का था।सूत्रों से मिली जानकारी
के अनुसार,
एक
हिजबुल आतंकी के निशानदेही
पर इस छापेमारी को अंजाम दिया
गया। जामा मस्जिद इलाके में
स्थित गेस्ट हाऊस के बारे
में आतंकी लियाकत अली शाह ने
पुलिस को जानकारी दी थी। आतंकी
लियाकत अली शाह को दो दिन पहले
गोरखपुर से गिरफ्तार किया
गया था।
सूत्रों
के अनुसार,
गेस्ट
हाउस से पकड़े गए दोनों संदिग्ध
आतंकी कश्मीरी हैं। ये दोनों
पीओके से नेपाल के रास्ते
दिल्ली पहुंचे हैं। बताया
जा रहा है कि हमले को लेकर
दिल्ली पुलिस के पास पहले
से अलर्ट था। श्रीनगर में बीते
दिनों सीआरपीएफ कैंप पर हुए
हमले की तर्ज पर यहां हमले की
साजिश रची गई थी। स्पेशल सेल
अभी मामले की आगे की जांच में
जुटी है।हिजबुल मुजाहिदीन
के संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार
करने के साथ ही पुलिस ने दावा
किया है कि उसने होली से पहले
राजधानी में आतंक फैलाने की
साजिश का पर्दाफाश किया है।पुलिस
सूत्रों ने बताया कि हिजबुल
के संदिग्ध सदस्य लियाकत अली
को उस समय गिरफ्तार किया गया,
जब वह
गोरखपुर से दिल्ली आने के लिए
एक ट्रेन में सवार था। अली को
गुरुवार को ही अदालत के सामने
पेश किया गया,
जिसने
उसे 15
दिन
की पुलिस हिरासत में भेज
दिया।सूत्रों ने कहा कि उसने
बताया है कि मध्य दिल्ली की
एक कालोनी में स्थित एक गेस्ट
हाउस में उसके लिए हथियार रखे
गए हैं। उसकी सूचना पर उस स्थान
पर धावा बोला गया और कुछ हथियार
और गोली बारूद बरामद किया गया
है।
अक्टूबर
में फिर होगा रेल किराये-भाड़े
में फेरबदल
रेल
मंत्रालय ईधन के दामों में
फेरबदल के हिसाब से अक्टूबर
में किराये-भाड़े
की समीक्षा करेगा। अगर ईधन
की कीमतों में वृद्धि हुई तो
किराया-भाड़ा
बढ़ सकता है। ईधन के दाम घटे
तो किराये-भाड़े
में कटौती हो सकती है। रेलवे
बोर्ड के चेयरमैन वीके मित्तल
ने राष्ट्रीय संपादक सम्मेलन
के दौरान इसके संकेत दिए।मित्तल
ने कहा कि वर्ष 2013-14
के रेल
बजट में किरायों को ईधन समायोजन
मद [फ्यूल
एडजस्टमेंट कंपोनेंट-एफएसी]
के
हिसाब से बदलते रहने की बात
कही गई है। इसके मुताबिक 'अगले
छह महीने में हम एफएसी का आकलन
करेंगे और उसी के हिसाब से
किरायों और मालभाड़ों में बदलाव
की रूपरेखा तय करेंगे।'
एफएसी
की समीक्षा के बाद ही किराये-मालभाड़े
में वृद्धि या कटौती पर कोई
निर्णय लिया जाएगा। तब तक
रेलवे टैरिफ अथॉरिटी का गठन
भी हो जाने की संभावना है। इस
अथॉरिटी को लेकर विभिन्न
मंत्रालयों के बीच चर्चा हो
रही है। इसके पूरा होने के बाद
अथॉरिटी के गठन के लिए कैबिनेट
नोट तैयार होगा। इसे बाद में
मंजूरी के लिए कैबिनेट के
समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।रेलवे
में पहली बार किराये-भाड़े
तय करने के लिए रेलवे टैरिफ
अथॉरिटी का गठन हो रहा है।
इसका काम रेलवे की लागतों के
हिसाब से यात्रियों और माल
वाहकों के लिए उपयुक्त दरों
की सिफारिश करना होगा। इसकी
सिफारिशों पर पहले सरकार
कैबिनेट के जरिये फैसला करेगी।
उसके बाद अनुमोदन के लिए उसे
संसद में पेश करेगी। संसद की
हरी झंडी के बाद ही अथॉरिटी
के प्रस्तावों को लागू किया
जा सकेगा। इस तरह किराया-भाड़ा
बढ़ाना अब की अपेक्षा मुश्किल
होगा। अभी रेल मंत्रालय को
बगैर संसद के अनुमोदन के केवल
कैबिनेट की मंजूरी के जरिये
किराये-भाड़े
बढ़ाने का अधिकार है। इस साल
जनवरी में रेल बजट से पहले
किराये बढ़ाकर वह ऐसा कर भी
चुका है।मित्तल ने कहा,
'चूंकि
हमने 22
जनवरी
को ही किराये बढ़ाए थे,
लिहाजा
भाड़ों पर तो एफएसी को एक अप्रैल,
2013 से
लागू करने का फैसला किया गया
है। वहीं,
किरायों
पर इसे फिलहाल लागू नहीं करने
का निर्णय किया गया। इससे होने
वाले 800
करोड़
के नुकसान को हम फिलहाल खुद
वहन कर रहे हैं। लेकिन अक्टूबर
में दोनों पर विचार होगा।'रेलवे
की कुल लागत में ईधन पर होने
वाला खर्च [एफएसी]
16-17 फीसद
है। पिछले वर्ष एक अप्रैल से
इस साल जनवरी तक डीजल की कीमत
में 39
और
बिजली शुल्क दरों में करीब
आठ फीसद इजाफा हुआ है।