मौत का सफर
----मुरली मनोहर श्रीवास्तव
गाड़ी बुला रही है....सिटी बजा रही है....यानि कितनों को मौत की दावत दे रही है.....आप चौंक गए न ? लेकिन यही सच है...हम बात कर रहे हैं पूर्व मध्य रेलवे के तहत आने वाले दानापुर डिवीजन की रेल परिचालन व्यवस्था पर...इस डिवीजन का हाल इतना बूरा है कि आए दिन बक्सर से पटना के बीच यात्रा करने वाले यात्री ही जानते हैं....गाड़ी जैसे ही बिहटा स्टेशन पर पहुंचती है...लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं...होना भी लाजिमी है...क्यों कि मुगलसराय के रास्ते आने वाली सभी गाड़ियां भले ही समय पर बिहटा पहुंचें....लेकिन उन्हें बिहटा से पटना जाने के लिए लगभग 28 किलोमीटर की दूरी तय करने में 2 से 4 घंटे का समय बर्बाद करना पड़ता है....जिसका परिणाम डेली पैसेंजर, पढ़ने वाले छात्र, दूर-दराज से आने वाले यात्री...के साथ-साथ ट्रेन के ड्राइवर, गार्ड सहित और कर्मचारी भी इसका खामियाजा भुगतते हैं....पर किसे किसकी परवाह है....जब कर्मचारी का ये हाल है, तो हल्कान यात्री आखिर अपनी व्यथा कहें तो किससे....किससे गुहार लगाएं....इनकी कौन सुनेगा...
इतना ही नहीं बिहटा से पटना आने के लिए हर यात्रियों को लगभग रोज बदलनी पड़ती है...चार गाड़ियां....अब आप सोचेंगे ऐसा कैसे तो मैं आपको बताउं.....एक टिकट खरीदिए और चार गाड़ियां बदलिए...वाह ये कैसा सफर.....स्टेशन पर गाड़ियां खड़ी हैं...कब..कौन खुलेगी...घर पहुंचने की लालच में लोग दौड़ लगाते हैं....जो कई घटनाओं को अंजाम देता है.....इस तरह की घटनाओं से सभी वाकिफ हैं...आला अधिकारी से लेकर लोकतंत्र के संवाहक तक.....न समय पर एनाउंसमेंट...न परिचालन की सही जानकारी...ये कैसी रेल विभाग की वफादारी....उपर से बेचारे टीटी साहब का रौब तो सुनिए....क्यों चढ़े रिजर्वेशन बोगी में...चलो फाईन दो...एक सवाल मेरा उनसे भी है कि गाड़िया इस कदर चलेंगी तो यात्री अगर ऐसा कर रहे हैं...तो उनकी मजबूरी भी समझिए...वर्ना कभी यात्रियों का कोपभाजन भी बन सकते हैं....आयी बात समझ में...नहीं तो आप रेलकर्मी भी हो जाएं एलर्ट क्योंकि बिहारी जनता हो रही जागरुक....आप भी अपनी रेलवे पास पर सिर्फ एक बार ही कर पाएंगे यात्रा...फिर होश ठिकाने आ जाएंगे......क्योंकि रेल आपकी जागिर नहीं...बल्कि हमारी बदौलत आपकी दुकान चलती है....
दानापुर रेल मंडल रेल विभाग को अच्छा राजस्व देने वाला मंडल है....पर गाड़ियों के परिचालन में सबसे फिसड्डी के लिए भी इस मंडल को ही पुरस्कृत की जानी चाहिए....
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