Sunday, December 12, 2010



बिहार कभी नहीं आउंगी...

( मामला जीआरपी जवानों के तांडव का)

हाथ जोड़ते हैं अब मैं बिहार कभी नहीं आउंगी....ये दिल को दहलाने वाली दास्तान है....एक रेलवे यात्री की जो अपने पूरे परिवार के साथ यात्रा कर रही थी....ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हुई...बाढ़ स्टेशन के पास टिकट जांच करते जीआरपी के जवान आए...पहले टिकट मांगी...पीड़ित महिला ने कहा मेरे घर वाले दूसरी बोगी में हैं....आने पर दिखा दूंगी...इतना कहना था कि आठो जवान आपे से बाहर होकर जानवरों की तरह अबला औरत पर टूट पड़े...जो अपने चार मासूमों के साथ यात्रा कर रही थीं...और देखते ही देखते इतनी पिटाई कर दी कि उन लोगों के पास रोने-बिलखने के अलावा कुछ नहीं था....अन्य यात्री मारे भय के कोई कुछ नहीं बोल पा रहे थे....

सारी हदें पारकर जीआरपी जवानों ने अपने इंसानियत को खोकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया...इसके लिए सबसे बड़ा दोष किसी को दिया जाएगा...तो वो है रेल प्रबंधन...और सबसे नकारा साबित हो रही रेलमंत्री मैडम ममता....इनका कोई ध्यान नहीं...अधिकांशत जीआरपी नशे में रहते हैं धूत...

जीआरपी के जवानों की ये कोई नई घटना नहीं...बल्कि आए दिन ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं....एक तो गाड़ियों का परिचालन सुधारने की क्षमता नहीं...मगर टिकट के नाम पर पैसे वसूली की ट्रेनिंग तो कोई दानापुर रेल मंडल के इन गुंडा सिपाहियों से सीखे...वर्दी पहने ये किसी अपरादी से कम नहीं.....जो अक्सर किसी न किसी तरह से सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं.....


आखिर कोई ऐसी बातें करता हो तो...बहुत दुखद है...आखिर क्यों ऐसा हुआ....मेरे सभी रिश्तेदार दिल्ली में रहते हैं....सिर्फ मेरी दो ननद बिहार में रहती हैं..इसीलिए आना पड़ा.....यह रोती बिलखती उस महिला की दास्तान है...जो ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी....कैसे कोई अपनों को छोड़ दे किसे अपने मासूम प्यारे नहीं...अरे टिकट के लिए इतना ही तो बोला था कि उन्हें आने दो दिखाती हूं....पर वो दरिंदे नहीं माने...इन पर कोई रोक न हो तो ये यात्रियों के साथ अमानविय व्यवहार करने से कभी नहीं चुकते....काश, ये दरिंदे एक बार अपनी इंसानियत को समझते....इंसान के रुप में हैं ये भेड़िये.....कब बंद होगी ऐसी अमानवियता....कब होगी टिकट मांगने पर बंद गुंडागर्दी...कब तक लूटे जाते रहेंगे यात्री....कब तक बदनाम होता रहेगा बिहार......हर जुबां पर एक सवाल आखिर कब तक......

1 comment:

  1. यह तो सोचने वाली बात हो गई....

    पाखी की दुनिया में भी आपका स्वागत है.

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....