Saturday, March 14, 2009

मध्ुाबाला की पुण्यतिथि 23 फरवरी पर विशेष
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-मुरली मनोहर श्रीवास्तव
एक आदर्श भारतीय नारी दिखने वाली जमाने कि मशहूर हिरोईन मधुबाला के भाव,अभिव्यक्ति तथा नजाकत उनकी प्रमुख विशेषता रही है।उनके अभिनय प्रतिभा,व्यक्तित्व और ब्यूटीनेश कि अब तक की सबसे महान हिरोइन रही हैं।हिन्दी फिल्मी समिक्षकों की मानें तो इनके अभिनय काल को द गोल्डेन एरा कहते हैं।
दिल्ली के मुस्लिम परिवार में जन्मीं अपने माता-पिता की पांचवी संतान थीं।वह 11 भाई-बहन थीं।इनके बचपन का नाम मुमताज बेगम देहलवी था।भविष्यवेताओं ने ने मुमताज को कहा था कि यह बहुत ख्याति और संपति अर्जित करेंगी।परन्तु उनका जीवन दुखमय हीं बीता।यही सोंच नउके पिता अयातुल्लाह दिल्ली से मुम्बइ्र जा पहुंचे।बालीवुड में उनका प्रवेश बेबी मुमताज के नाम से हुआ।उनकी पहली फिल्म बसन्त वर्ष 1942 में बनी जिसे देविका रानी रोरिक देख बहुत प्रभावित हुइ्र।और उनका नाम बदलकर मधुबाला कर दिया।
12 बर्ष की आयु में वाहन चलाने वाली नीलकमल में 1947 में राजकपूर के साथ अभिनय किया।उसके बाद उन्हें वेनस आॅफ स्क्रीन कहा जाने लगा।फिर महल फिल्म का आएगा आने वाला.............गीत जहां मधुबाला को स्टार बनाया वहीं पाश्र्व गायिका लता मंगेशकर के कैरियर जैसे शिखर पर पहुंचा दिया।
मधुबाला के पास शादी के तीन प्रस्ताव मिले भारत भूषण,प्रदीप कुमार,किशोर कुमार का।लेकिन अपनी दोस्त नर्गिस से राय कर किशोर कुमार को चुना।1960 में हिन्दू रीति रिवाज से शादी हो गई।अनारकली फिल्म में जीवन की सबसे जीवंत भुमिका निभाई।मुगले आजम तो इनहें फिल्म फेयर अवार्ड के लिए भी नामित कराया था।
हृदय रोग से ग्रसित मधुबाला 23 फरवरी 1969 को 70 फिल्मों में अभिनय कर महज 36 वर्ष की अवस्था में दुनियां को अलविदा कह गई।इनके मृत्यु के दो वर्ष बाद एक फिल्म जलवा रिलीज हो पाई थी।ये अपने अभिनय के बूते आज भी लोगों के दिलों पर राज करती हैं।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....