Sunday, November 28, 2010




ये क्या कर रही हो ?

( ग्लैमर में गुम होती जिंदगी.....)

---मुरली मनोहर श्रीवास्तव

Beauty Is See But No Touch.....लेकिन आज यह पूरी तरह से नकारा साबित हो रहा है...वर्तमान परिवेश में लड़कियां अपने को किसी के साथ जुड़ जाना, उनके साथ बहुत आगे तक जाना, जिंदगी साथ जीने के वादे करना, फिर किसी लड़के को धोखा देकर..फिर किसी और से दिल लगाना....इंज्वाय करना उनके फैशन में सामिल हो गया है.....पर ये क्या ?यह जिंदगी नहीं, धोखा है, वादा करो तो उसे पूरा करो....लेकिन उसमें सही इंसान का चुनाव करो...ताकि जिंदगी के दिन भी उसके साथ बीता सको...कहीं ऐसा नहीं कि अपनी अस्मत लुटाकर अफसोस करें....तालियां दोनों हाथों से बजती हैं....यानि इसके लिए लड़का-लड़की दोनों दोषी हैं....कहीं लड़के धोखा देते हैं...तो कहीं लड़की...मगर इस गलती की दौड़ में लड़कियां आगे हैं....जिसका सबसे अधिक खामियाजा उन्हें अपनी इज्जत लुटाकर..या फिर अपना जीवन गंवाकर चुकानी पड़ती है....क्योंकि हमारे समाज में वो सर उठाकर जिंदगी नहीं जी सकती है.....उनके अंदर का लज्जा जब जगती है...अपनी खुबसुरत जिंदगी को मिटा देती हैं....एसी नौबत न आए पहले सोचो...समझो...फिर तजबीज करो फिर कोई कदम उठाओ....ताकि अफसोस न रह जाए.....

Leave In RelationShip ने तो इस को और बढ़ावा दिया है...खुलेआम तौर पर पाश्चात्य सभ्यता को आमंत्रण दिया तो......खुलेआम सेक्स को भी बढ़ावा दिया है.....लेकिन जब यह कानून नहीं लागू नहीं था...तो इस तरह की बातें क्यूं सामने आता था......

हम एडवांस हो रहे हैं....होना भी लाज़िमी है...समय के साथ चलना बहुत जरुरी है....लेकिन एक बात का हमेशा ख्याल रखें " मौज में मौत को न भूलें " जी हां....ये हम आज की युवा पीढ़ी की भटकती जिंदगी को देखकर कह रहे हैं....हो सकता है हमारी सोच गलत हो....मगर घर की दहलीज से बाहर कदम रखने वाली हर लड़की एक बार जरुर सोचे कोई कदम उठाने से पहले कि उन पर उनके घर वालों ने किस कदर विश्वास किया है....कहीं झुठे ग्लैमर में अपने वर्तमान में भविष्य को बर्बाद तो नहीं कर रहे हैं....इस तरह हुई जाने-अंजाने गलती से पूरी जिंदगी किसी कोने में सिसक कर दम तोड़ देती है....हो सकता है, कोई इसे फालतू बकवास कहे लेकिन जब वक्त बीत जाता है तब उन्हें समझ आती है.....जिसे आप किसी से कह भी नहीं पाते.....

आए दिन लड़कियों के साथ कोई-न-कोई दर्द भरी दास्तान तो जरुर सुनी जाती है...चाहे वो तरुणाई अवस्था में कॉलेज का प्यार के नाम पर धोखा..... खुबसुरती के जलवे में कितनों को मदहोश कर अपने पीछे घुमाने का कुछ लड़कियों का शौक...या फिर अपने शानों-शौकत को बढ़ाने की लालच में युवाओं के साथ अपने वजूद खो देती हैं.....फिर खुशहाल जिंदगी बन जाती है बदरंग....जो उनकी जिंदगी को खाक कर देती है....रह जाती है तो उनके घर वालों पर एक बदनुमा दाग....

इस तरह की घटनाओं की बात करें तो चाहे वो बीआइटी मेसरा हो, एमबीए की छात्रा का फांसी लगाकर हत्या करना, दिल्ली की गलियों में कॉलेजों की लड़कियों की हत्या, गया में लड़की की हत्या कर गाड़ी से फेंक दिया जाना....जैसी कई घटनाओं के पीछे एक सवाल बनकर खड़ा हो जाता है...आखिर दोषी कौन ? मैं, आप, या वक्त.......

1 comment:

  1. shortcut is the longest distance between two points. one is always left unhappy and unsatisfied still they are successful.(satire)!

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....