Saturday, April 18, 2009
पानी लाओःआॅपरेशन कराओएनएमसीएच में पानी के लिए हाहाकार मचा है.......तो इस समय पानी लाओ आॅपरेशन कराओ के जुमले हकिकत नजर आ रहे हैं। मरीजों को ईलाज के लिए लाना पड़ रहा है बाहर से पानी।ई है पटना का एनएमसीएच अस्पताल....जहां पिछले 15 दिनों से पानी के लिए हाहाकार मची हुई है। जिनको भी अपने परिजनों का आॅपरेशन कराना है तो उनको पानी लाना पड़ता है। काहें कि डाक्टरों के आपरेशन करने के बाद हाथ धोने तक को पानी नही होता है.......इतना हीं नहीं आॅपरेशन थियेटर का काम पूरी तरह से बाधित पड़ी हुइ्र है......इसमें काम करने वाले कर्मचारियों को पीने के लिए पानी तक घर से लानी पड़ती है।....इसीलिए पानी लाओ आॅपरेशन कराओ....वाली बात आम हो गई है......अस्पताल में पानी के लिए माकूल उपाय को लेकर .....बोरिेंग तक लगाए गए....बावजूद इसके....इस अस्पताल में पानी की समस्या ज्यों कि त्योें बनी हुई है।जल हीं जीवन है.....और गरमी का दिन हो तब क्या कहने.....कि पानी का केतना महत्व है......ई बाल्टी में पानी को भर कर ले जा रहा इंसान को देखिए........ई आए हैं अपने बेटे का ईलाज करवाने.....लेकिन आफपरेशन कराने के लिए अस्पताल परिसर के चापाकल से पानी ले जाना पड़ रहा है......कभी कभार तो पानी के लिए मरीजों के परिजन अपने में उलझकर मारपीट तक कर लेते हैं।स्वास्थ्य मंत्री का पदभार ग्रहण करने के साथ हीं.......स्वास्थ्य मंत्री नन्द किशोर यादव ने.....एनएमसीएच का निरीक्षण किया था......और वादा किया था कि यहां कि सबसे बड़ी पानी की समस्या को दूर की जाएगी.....पर उनके गद्दी नशीन हुए तीन साल हो गए.....इसके बाद भी इस अस्पताल में पानी की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है....और उनके वादे ढाक के तीन पात साबित होकर रह गए हैं।ई पानी की समस्या कौनों अस्पताल का हीं नहीं है......बल्कि इस कैंपस में बने स्टाॅफ क्वार्टर में भी पानी के त्राहि मचे हैं...अस्पताल परिसर में बने क्वार्टरों में लगभग 40 हजार लोगों की आबादी है........पीएचईडी ने कई बार यहां बने जल मिनार को चालू करने का वादा किया था......तो तीन बोरिंग की स्थापना के बादो चालू नहीं हो सकी हैं....तो लाजिमी है कि पानी की समस्या से लोगों को झेलना पड़ेगा ही।वैसे तो अस्पताल में लोग जिन्दगी मांगने आते है......लेकिन इस समय यहां आए मरीजों को पानी के अभाव में भटकना पड़ता है.....अगर समय से पहले इस पर ध्यान नहीं दिया गया.....स्थिति बद से बद्तर हो जाएगी।----मुरली मनोहर श्रीवास्तव
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- HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....
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