Monday, April 11, 2011

सपने साकार करो

चलते रहो तब तक

जब तक मंजिल न मिल जाए,

आंखों में बसी उम्मीद को

ख्वाबों को आयाम न मिल जाए.

सोचते हैं सब, पर आप

उन सपनों को साकार करो,

राहें थोड़ी मुश्किल हो,तो घबराना मत

मंजिल मिलेगी एक दिन

किसी से दर्द का,

भूले से भी इजहार न करो.

ले लो आप भी एक शपथ

सच्चे दिल से करेंगे मेहनत,

आएगा वो दिन भी

एक दिन होंगे हम शिखर पर,

गुजारिश बस इतना ही करेंगे

अपनी ईमानदारी-कर्म से प्यार करो.

मालूम नहीं कल यहां हो न हो

ये जिंदगी जाने फिर कब नसीब हो

इसीलिए तो सबसे कहते हैं

आओ दुनिया में एक नई इबारत गढ़ जाएं.

चलते रहो तब तक,

जब तक मंजिल न मिल जाए.

......................मुरली मनोहर श्रीवास्तव

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....