Dainik Jagaran,Patna-16 nov.
पटना लम्बे अंतराल के बाद रविवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू-राबड़ी मंत्रिमंडल में मंत्री रहे, बक्सर के सांसद जगदानंद व फिल्मकार प्रकाश झा एक मंच पर दिखे। राजनीतिक हलकों में देर शाम से यह मंचीय एकजुटता चर्चा का विषय बनी रही। एक जमाने में नीतीश कुमार के खास समझे जाने वाले जगदानंद के साथ इन दिनों मुख्यमंत्री का संवाद नहीं है। कुछ वर्षो से मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले प्रकाश झा पिछले लोकसभा चुनाव में लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़ गये थे।
मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में आयोजित यह कार्यक्रम शहनाई वादक भारत रत्न बिस्मिल्लाह खां के जीवन पर मुरली मनोहर श्रीवास्तव द्वारा लिखी पुस्तक का विमोचन का था पर इशारे-इशारे में ही राजनीति पर भी खूब चर्चा हुई।
बात संवाद से ही शुरू की मुख्यमंत्री ने और कहा-मतभेद हो सकता है पर संवाद जरूर होना चाहिए। सलाह दी-राजनीति करने वालों को करने दीजिए राजनीति पर यह मान लीजिए कि अगर नेता की चर्चा खत्म हो गयी तो उसका बाजार भाव गिर जाता है। वहीं कुछ लोग चर्चा में बने रहना जानते हैं। साहित्यिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने छायावाद का सहारा लिया और सेतु की बात करते हुए आयोजकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि-नदी के दो पाट को जोड़ने का काम करते रहना चाहिए। चाहें तो आप विधान पार्षद प्रेम कुमार मणि की सेवा ले लीजिए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री बीच में बैठे थे और उनके एक किनारे प्रकाश झा और दूसरे किनारे जगदानंद की सीट थी। प्रकाश झा से तो उन्होंने मंच पर ही गुफ्तगू की और कार्यक्रम के आखिर में जगदानंद को अल्पाहार के लिए बुलाकर ले गये
वैसे बिस्मिल्लाह खां पर भी मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी और यह एलान किया कि इस शहनाई वादक की जन्म दिवस को अगले वर्ष से राजकीय समारोह के रूप में मनाया जायेगा और राजधानी का एक पार्क उनकी स्मृति में बनेगा। सांसद, जगदानंद ने कहा कि बिस्मिल्लाह खां ने स्थानीय स्वर को विश्व का स्वर बनाया। सांसद अली अनवर ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे
पटना लम्बे अंतराल के बाद रविवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू-राबड़ी मंत्रिमंडल में मंत्री रहे, बक्सर के सांसद जगदानंद व फिल्मकार प्रकाश झा एक मंच पर दिखे। राजनीतिक हलकों में देर शाम से यह मंचीय एकजुटता चर्चा का विषय बनी रही। एक जमाने में नीतीश कुमार के खास समझे जाने वाले जगदानंद के साथ इन दिनों मुख्यमंत्री का संवाद नहीं है। कुछ वर्षो से मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले प्रकाश झा पिछले लोकसभा चुनाव में लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़ गये थे।
मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में आयोजित यह कार्यक्रम शहनाई वादक भारत रत्न बिस्मिल्लाह खां के जीवन पर मुरली मनोहर श्रीवास्तव द्वारा लिखी पुस्तक का विमोचन का था पर इशारे-इशारे में ही राजनीति पर भी खूब चर्चा हुई।
बात संवाद से ही शुरू की मुख्यमंत्री ने और कहा-मतभेद हो सकता है पर संवाद जरूर होना चाहिए। सलाह दी-राजनीति करने वालों को करने दीजिए राजनीति पर यह मान लीजिए कि अगर नेता की चर्चा खत्म हो गयी तो उसका बाजार भाव गिर जाता है। वहीं कुछ लोग चर्चा में बने रहना जानते हैं। साहित्यिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने छायावाद का सहारा लिया और सेतु की बात करते हुए आयोजकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि-नदी के दो पाट को जोड़ने का काम करते रहना चाहिए। चाहें तो आप विधान पार्षद प्रेम कुमार मणि की सेवा ले लीजिए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री बीच में बैठे थे और उनके एक किनारे प्रकाश झा और दूसरे किनारे जगदानंद की सीट थी। प्रकाश झा से तो उन्होंने मंच पर ही गुफ्तगू की और कार्यक्रम के आखिर में जगदानंद को अल्पाहार के लिए बुलाकर ले गये
वैसे बिस्मिल्लाह खां पर भी मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी और यह एलान किया कि इस शहनाई वादक की जन्म दिवस को अगले वर्ष से राजकीय समारोह के रूप में मनाया जायेगा और राजधानी का एक पार्क उनकी स्मृति में बनेगा। सांसद, जगदानंद ने कहा कि बिस्मिल्लाह खां ने स्थानीय स्वर को विश्व का स्वर बनाया। सांसद अली अनवर ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे
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